Saturday, 6 February 2021

विटामिन की जानकारी और विशेषताए हिंदी में - Vitamin information and features in Hindi by anookumarsikhosikhao

विटामिन से जुडी सभी जानकारी हिंदी में -

खनिज विटामिन के बिना सेहतमंद जिंदगी की कल्पना भी नही की जा सकती. अच्छी बात है कि फल, सब्जी, दूध जैसी जो चीजे हमारे खानपान का जायका बढाती है. वही इन दो तरह के अहम पोषक तत्वों की नेमत भी देती है. तो स्वाद पाइए और स्वस्थ भी रहिये.



विटामिन की जानकारी और विशेषताए हिंदी में - Vitamin information and features in Hindi by anookumarsikhosikhao


आपके शरीर में आती है कमजोरी - 

कैल्शियम दांतों व हड्डियों को मजबूती देता है और पेशियों की सक्रियता बढाता है. कमी से कमजोर दांत, शरीर या जोड़ों में दर्द, खिचांव होता है. इसलिए दूध, दही, पनीर, रागी, हरी, पत्तेदार सब्जिया, अनाज, खड़ी और अंकुरित दालों का सेवन करे.

आयरन - 

विभिन्न अंगो तक आक्सीजन पहुँचाने वाले हिमोग्लोबिन का प्रमुख घटक है. इसकी कमी से कार्यक्षमता घटना, चिडचिडापन, भूख में कमी व थकावट होती है. हरिपत्तेदार सब्जियों, अंकुरित दाल, पोहा, मुरमुरे, भुने चने व अंडे का सेवन करे.


सोडियम - 

पी एच  लेवल बनाये रखने, इलेक्ट्रोलाईट संतुलित करने, ब्लड प्रेशर नियमित करने व मसल्स कोंट्रेकशन में मदद करता है. इसकी पूर्ति नमक, दूध, हरी सब्जियों व खरबूजे से होती है.


आयोडीन - 

मस्तिष्क और थायराइड ग्रन्थि की कार्यशीलता के लिए जरुरी है, इसकी कमी से थाईराइड का आकार बढ़ जाता है. और याद्दाश्त में कमी व पाचन में गड़बड़ी जैसे लक्षण उभरते है. इसलिए भोजन में सी फूड व आयोडीन युक्त नमक शामिल करे.


पोटेशियम - 

पीएच लेवल संतुलित और रक्तचाप नियमित रखता है. इसके अभाव में सुस्ती या पेशियों में खिचाव होता. पूर्ति के लिए केला, आलू, मशरूम आदि का सेवन करे.


मैग्नीशियम - 

इसकी कमी से सिरदर्द, अनिद्रा, अचानक वजन बढ़ने या घटने जैसे संकेत मिलते है. सी फ़ूड, अखरोट, कद्दू के बीज व हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है.


फास्फोरस - 

हड्डियों दांतों की मजबूती के लिए आवश्यक आहार में इसकी मात्रा ठीक रखने के लिए बादाम, दूध, अंडे ओट्स व मछली का सेवन करे.


विटामिन ए - 

आँखों व त्वचा के लिए जरुरी. इसकी कमी से रतोंधी, रुखी त्वचा और संक्रमन की आंशंका बढ़ जाती है. खानपान में दूध, गाजर, पपीता, पिला कद्दू, हरी पत्तेदार सब्जियों, शकरकंद, कलेजी, मीट को शामिल करे.


विटामिन डी - 

त्वचा धूप के सम्पर्क से यह विटामिन बनाती है, जिससे हड्डियों व दांतों को मजबूती मिलती है. सो, रोजाना ३०-४० मिनट की धुप ले. दुध हरी सब्जी, साबुत दाल व अनाजो का सेवन भी करे. इसकी कमी से मसूड़ों से खून, जोड़ो में दर्द सुजन, कमजोर हड्डियाँ बदन दर्द जैसी शिकायते होती है.


विटामिन ई - 

फ्री रेडिकल्स से बचाव, सुचारू रक्त प्रवाह व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है. इसकी कमी से बार-बार बीमार पड़ते है. इसलिए सूखे मेवे, गिरी व हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करे.


विटामिन बी समूह - 

इसमें थाएमिन, राइबोफ्लेविन, नायसिन व फालिक एसिड मुख्य है. ये भोजन में शामिल पोषक तत्वों के इस्तेमाल, तंत्रिका तन्त्र ठीक रखने, लाल रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखने का काम करते है. इनकी कमी से एनीमिया, भूख में कमी, मितली, चक्कर व झुनझुनी होने लगती है. ये साबुत अनाज, दाल हरी पत्तेदार सब्जियों व दूध में मिलते है.


विटामिन सी - 

बीमारियों से लड़ने की मजबूत क्षमता, रक्त कोशिकाओ के निर्माण व घाव भरने के लिए यह विटामिन अहम है. यह शरीर में संग्रहित नहीं होता है. इसलिए इसकी रोजाना पूर्ति जरुरी. इसके लिए मिर्च, आलू, टमाटर व सभी तरह के खट्टे फल खाए.


विटामिन के - 

यह विटामिन शरीर में ही बनता है. इसकी कमी से चोट लगने पर रक्त का बहाव नहीं रुकता.


सभी तरह से विज्ञापन देखकर सेहत का ध्यान रखे - 

विज्ञापन देखकर केल्शियम सप्लीमेंट लेने में बुराई नहीं है. इसके तथ्य यह है कि केल्शियम ही नहीं, कोई भी सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह पर ही ले. शारीरिक स्थिति और स्वास्थ के मुताबिक सप्लीमेंटस की मात्रा तय की जाती है. लम्बे समय तक या अपने मन से इनका सेवन करने से कई बार किडनी में पथरी बनने या कई और गलत परिणाम भी आपको देखने को मिल सकते है.


विटामिन सप्लीमेंट लेने के बाद खानपान की चिंता नहीं होनी चाहिए. कई बार बढती उम्र, तनाव या और कारणों से शरीर पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाता. ऐसे में डॉक्टरी सलाह पर सप्लीमेंटस लेने के साथ ही स्वास्थ्यवर्धक आहार व शारीरिक रूप से सक्रियता भी जरुरी होती है.


विटामिन सप्लीमेंट्स का सेवन खाली पेट करना चाहिए. सप्लीमेंट्स का सेवन भोजन के बाद करने से इनका अवशोषण बेहतर तरीके से हो पाता है. कुछ विटामिंस ऐसे होते है. जो मिनरल्स के अवशोषण में मदद करे है, जैसे आयरन के अवशोषण के लिए विटामिन सी और केल्शियम के लिए विटामिन डी. इसलिए भी इन्हें भोजन के बाद लेना लाभदायक होगा.


अचार पापड़ तो स्वाद बढ़ाते है. थोड़ी सी मात्रा से क्या फर्क पड़ेगा. बिलकुल पड़ेगा, अचार पापड या प्रोसेस्ड फ़ूड के नियमित सेवन से परहेज करे, क्योकि इनमे नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. अधिक, नमक, यानी अधिक सोडियम, यानी उच्च रक्तचाप. वर्तमान खानपान में वैसे ही नमक ज्यादा होता है. इसे और बढ़ाने से बचे.


Please Visit Again 

No comments:

Post a Comment

Popular

Contact Form

Name

Email *

Message *