उच्च रक्तचाप Hypertension Treatment -
मौजूदा दौर में हाइपर टेंशन सबसे सामान्य लाइफस्टाइल बीमारी बनकर सामने आई है। वयस्कों के साथ साथ बच्चो में इस बीमारी के लक्छण देखे जा रहे है। जो वाकई चिंता का विषय है। यह एक तथ्य है की 90 प्रतिशत मरीजों को तो हाइपर टेंशन Hypertension का कारण भी पता नहीं होता। इस बीमारी के प्रति सावधान रहना काफी जरुरी हो जाता है। कई लोगो को तो इस बारे में जानकारी नहीं होती है की उन्हें Hypertension है। इसलिए हाइपर टेंशन के बारे में पूरी जानकारी होना आपके लिए काफी आवश्यक है।
आकड़ो में हाइपर टेंशन Hypertension in figures -
वर्ल्ड हेल्थ रिपोर्ट के आकड़ो के मुताबिक भारत में हाइपर टेंशन के मामले दुनिया के मुकाबले काम है। देश में 25 वर्ष के ऊपर 23.10 प्रतिशत पुरुष और 22.60महिलाये हाइपर टेंशन से पीड़ित है। भारत दुनिया के आकड़ो से इस मामले में बेहतर स्थिति में है। वैश्विक औशत पुरुषो के लिए 29.20 फिशदी है. अगर संख्या के लिहाज से देखे तो देश में एक बड़ी आबादी Hypertension हाइपर टेंशन से पीड़ित है. सबसे बड़ी चिंता का विषय है की लोगो को इस बारे में जानकारी भी नहीं है। इसलिए वे इसके प्रति सजग नहीं है और जीवनशैली से जुडी कई बड़ी गलतिया दोहरा रहे है।
अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर के खतरे (Uncontrolled high blood pressure risk)
हार्ट अटैक या स्ट्रोक (Heart attack or stroke) –
हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) से धामनिया कठोर और मोटी हो जाती है. इससे हार्ट अटैक स्ट्रोक या दूसरी जटिलताओं का खतरा बाद जाता है।
एन्यूरिज्म (Aneurysm)–
बड़े हुए ब्लड प्रेशर Hypertension के कारण आपकी रक्तवाहिनिया कमजोर और उभरी हुई हो जाती है।इससे एन्यूरिज्म बनता है। अगर एन्यूरिज्म टूटता है. तो जीवन को खतरा हो सकता है।
हार्ट फेलियर (Heart Failure) –
आपकी वाहिनियों में हाई प्रेशर के विरुद्ध ब्लड पम्प के लिए आपकी हार्ट मसल्स मोटी हो जाती है। मोटी मसल्स को आपके शरीर की जरुरत के मुताबिक रक्त पम्प करने में मुश्किल होती है. इससे हार्ट फेलियर हो सकता है।
विजन लॉस (Vision Loss) –
आखो में मोती, सकरी रक्त वाहिनियां होने से देखने में समस्या हो सकती है.
ऑर्गन मेलफक्शन (Organ Malfunction) –
आपकी किडनी में रक्तवाहिनियां कमजोर और सकरी हो सकती है। इससे शरीर के अंग सही तरह से काम करना बंद कर देते है।
मेमोरी प्रॉब्लम (Memory Problem) –
अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर आपकी सोचने की व याद करने और सिखने की क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करता है. हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) वाले लोगो में याददास्त की समस्या रहती है .
जिम्मेदार कारण (The reason is that responsible)-
युवा स्मार्टफोन पर जरुरत से ज्यादा समय गुजरते है। इससे वे वर्चुवल वर्ल्ड में रहते है और फिजिकल वॉकिंग नहीं करते और न ही लोगो से पर्सनली मिलते है। गतिहीन जीवन से हाइपर टेंशन की आशंका काफी बढ़ जाती है। देरी से भोजन करना भी खतरनाक साबित हो सकता है। कुछ कारण आपके नियंत्रण में नहीं होते , इनके कारण भी हाई बीपी का खतरा बना रहता है. इनमे आयु, लिंग, प्रजाति, शामिल है.
क्या है हाइपर टेंशन (What is hypertension) -
हाइपर टेंशन बार बार उच्च ब्लड प्रेशर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। १४० से ज्यादा ९० एमएमजी पर, 140 से ज्यादा डायस्टोलिक प्रेशर के साथ ब्लड प्रेशर दामनिया की दीवारो पर रक्त का दबाव होता है। आमतौर पर ब्लड प्रेशर पुरे दिन में कई बार जयादा और काम होता है। लेकिन यदि यह लम्बे समय तक ज्यादा रहता है। तो सेहत सम्बन्धी समस्याएं हो सकती है. हाई बीपी से ह्रदय संबधी बीमारियो की समस्या हो सकती है।
हाइपर टेंशन का कारण (Hypertension Causes) -
बहुसंख्यक मरीजों में हाइपर टेंशन Hypertension Treatment का कोई ज्ञात कारण नहीं होता। हाई ब्लड प्रेशर का आधारभूत कारण अथेरोस्क्लेरोसिस होता है। एअसे कई कारण है जिससे अथेरोस्क्लेरोसिस होता है और हाइपर टेंशन की स्थिति आती है। इसमें तनाव, गतिहीन जीवन शेली, व्यायाम का अभाव भी शामिल है। हाई बीपी वाले मरीजों के एक समूह में सेकंडरी हाइपर टेंशन होता है। हाई बीपी किसी बीमारी जैसे किडनी की बीमारी, थाइराइड मोटापा या दवाओ के प्रतिकूल प्रभाव से हो सकती है।
हाइपर टेंशन की रोकथाम (Prevention of Hypertension)
लोगो को एक एक्टिव लाइफस्टाइल फोल्ल्व करनी चाहिए। इससे उनको मोटापा कम करने में मदद मिलेगी। मोटापे से थोडीसी कमी होने पर भी हाई ब्लड प्रेशर Hypertension को रोकने के लिए काफ़ी मदद मिल सकती है. नियमित व्यायाम भी बहुत ज़रूरी है . गतिहीन जीवन शैली के मुक़ाबले जो लोग फ़िजिकल एक्टिव रहते है. उनमे ब्लड प्रेशेर की रिस्क कम रहती है. आपको हेल्दि डाइट ऑर स्मोकिंग पर रोक लगातार हाइपर टेंशन को कम करना चाहिए। आज के डोर में हर कोई तेजी से आगे बढ़ने में लगा है। ऐसे में अगर आप अपनी जीवन शेली के सकारात्मक पक्षों को कायम रख पाते है तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
भविष्य में हाइपर टेंशन -
Hypertension एक महामारी का रूप ले सकती है। वर्ष २०२० तक हमारी एक तिहाई आबादी इससे पीड़ित होगी। यह वर्ष १९८० से लगातार बाद रही है। मौजूदा समय में भारत के शहरी क्षेत्रो में २० से ४० फीसदी और ग्रामीण इलाको में १२ से १७ फीसदी हाइपर टेंशन के मामले है। हर तीन में से एक भारतीय को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है। बच्चो में भी यह समस्या देखी जा सकती है।
यात्रा के दौरान थकान को रखे कुछ इस तरह से दूर –
यात्रा जरुरी है। तो थकान भी है। इसका एक कारण तेज रफ़्तार से यात्रा या रोज यात्रा से होने वाली थकान से बचाव के सरल तरीके है।
यात्रा के दौरान सिटिंग व खानपान (Sitting and eating on the go) -
यात्रा के दौरान अधिक पानी वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करे. भरपूर मात्र में पानी पिए। नशीले व उत्तेजित पदार्थो का सेवन न करे। रेड, मीट, कार्बोहाइड्रेट, वशा मिश्रित और तले पदार्थो के सेवन से पूरी तरह बचने की कोशिस करे।
सीधे बैठे (Sitting Directly) -
हमारे शरीर को तीन तरीके से आराम मिलता है। एक मांसपेशी को आराम, दूसरे शारीरिक अंगो को आराम और तीसरा अस्थि तंत्र यानी ढांचे को आराम। जब हम झुक कर या टेका लेकर बैठते है तो मांशपेशियों को तो आराम मिलता है। अगर प्रयास करें तो रीढ़ की हड्डी को सीधे रखकर भी मांशपेशियों को आराम में रहने की आदत दाल सकते है। हमें प्रयास करना चाहिए की रीढ़ की हड्डी को शिधा रख कर ढांचे और स्नायु तंत्र को आराम की स्थिति में रखे। याद रखे की शरीर के आंतरिक अंग शिकन्जो में कसे हुए नहीं है। यानी नट बोल्ट फिक्स नहीं है। ये ढीले ढाले टिशू से जुड़े हुए है। और झूल रहे है। जब हम झुककर या टिक्कर बैठते है। तो इन अंगो की कार्यक्षमता घट जाती है।
सूर्य की ऊर्जा (Sun Energy) -
अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दौरान जेटलेन के कारण सबसे ज्यादा थकान होती है l जेटलैन से आशय है, जिस टाइमझोन में गए है। उसे लेकर भौतिक और ऊर्जा प्रणाली में भृम. रीढ़ की हड्डी को दिन में 3 बार कम से कम 20 मिनिट तक धुप सेवन करवाकर यह भर्म कम किया जा सकता है।
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